आगर शासकीय जिला हॉस्पिटल में पिछले कई दिनों से आईसीयू की AC बंद।
आईसीयू में भर्ती मरीज हो रहे परेशान।
रिपोर्ट – जहीर उददीन सोनू आगर मालवा
एक्सप्रेस समाचार
आगर मालवा मध्य प्रदेश। आगर जिले का शासकीय जिला हॉस्पिटल अभी काफी चर्चाओं में बना हुआ है। सरकार चाहे कितने भी स्वस्थ संबंधित अपने वादे कर ले। परन्तु जमीनी स्तर पर होता कुछ ओर ही है। आगर मालवा का जिला शासकीय हॉस्पिटल इसका शानदार उदाहरण है। यह आए दिन कुछ न कुछ परेशानियों का सामना मरीजों को देखने को मिल जाता है। जाए वो पीने का पानी हो या डॉक्टरों का समय से नहीं आना आदि ऐसे कोई प्रकार की समस्या जिला हॉस्पिटल की आपको देखने को मिल जाएगी। अभी कुछ दिन पहले जिला हॉस्पिटल में पीने की पानी की टंकी में मरे हुवे कबूतर के अवशेष मिले थे। जिसके कारण जिला हॉस्पिटल में मरीज सहित सामाजिक संगठनों ने इसको लेकर काफी नाराजगी जाहिर की थी। उस समय भी हॉस्पिटल के जिम्मेदारों ने कार्रवाई की बात कहकर मामले को ठंडा कर दिया था।अब फिर जिला हॉस्पिटल के आईसीयू कक्ष में पिछले कई दिनों से AC बंद पड़ी है। जिसके कारण वहां भर्ती मरीजों को गर्मी के कारण बहुत परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।आईसीयू जैसे वार्ड में AC बंद होना ये कोई छोटा मामला नहीं है। देखा जाए तो बहुत बड़ी लापरवाही जिला हॉस्पिटल के जिम्मेदारों की है। क्योंकि आईसीयू में वही मरीज शिफ्ट किए जाते है। जिनकी हालत ज्यादा खराब होती है और आईसीयू की AC बंद होना उन भर्ती मरीजों पर क्या बीत ती होंगी।इस संबंध में जब जिला अस्पताल प्रबंधक राहुल पंडिया से चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि ट्रामा सेंटर के ऊपर कंस्ट्रक्शन का कार्य चल रहा है जिसके चलते कई बार AC ठीक करने के बाद भी वह बार-बार बिगड़ जाते हैं अब जल्दी उन्हें फिर से सुधरवा दिया जाएगा रही बात मैन बिल्डिंग के आईसीयू की मैं जब से जिला अस्पताल में पदस्थ हुआ हूं तब से यह आईसीयू बंद है इस बीच हमने कई बार इस आईसीयू के एक चालू करने के प्रयास किए है पर टेक्निशियनों को समस्या समझ में नहीं आ पा रही इसलिए यह काम अभी तक नहीं हो पाया है अब एक बार फिर उसी कंपनी से संपर्क किया है जिसने इस सेंट्रल AC को यहां पर इंस्टॉल किया था अब संभावना है कि अगले 10-15 दिनों में AC ठीक होने के बाद यह आईसीयू भी प्रारंभ हो जाएगा।
स्टाफ का व्यवहार भी मरीजों के प्रति ठीक नहीं।
जिला हॉस्पिटल में अकसर देखा गया है, कि वार्ड में भर्ती मरीज के साथ वहां के स्टाफ के द्वारा दुर्व्यवहार किया जाता है। जिससे कि मरीज को बीमारी के साथ मानसिक पीड़ा का भी सामना करना पड़ता है। अगर कोई मरीज इसका विरोध करता है तो उसको रैफर या डिस्चार्ज करने की धमकी दी जाती है। जिससे मजबूरन बीमार मरीज अपनी बीमारी के कारण शांत बना रहता है। ओर वो चाहकर भी इसका विरोध नहीं कर सकता है।

डॉक्टर नहीं आते समय पर
जिला हॉस्पिटल में अकसर मरीजो को आपने डॉक्टर्स कक्ष के बाहर इंतजार करते देखा होगा इसका कारण है डॉक्टर्स का समय पर नहीं आना क्योंकि बहुत से डॉक्टर्स अपने निवास पर मरीजों को देखते है। डॉक्टर्स के निवास पर मरीजों की इतनी भीड़ रहती है ओर ये सभी मरीज कही न कही जिला हॉस्पिटल में होने वाली परेशानियों से बचने के लिए इनके निवास पर दिखाना ज्यादा बेहतर समझते है। ओर इन डॉक्टरों को ये भी ध्यान नहीं रहता है अपनी ड्यूटी शासकीय हॉस्पिटल में लगी है। वहां भी ग्रामीण अंचल से मरीज आए है। परन्तु डॉक्टर साहब को पहले अपने निवास के सारे मरीज को देखकर ही जाना उचित लगता है। जिससे कारण हॉस्पिटल में इंतजार कर रहे मरीज काफी परेशान होते है। जिम्मेदार अधिकारी को इस ओर भी ध्यान देना चाहिए।जिससे कि डॉक्टर्स समय से हॉस्पिटल में आ सके ।
