अयोध्या में बन रहा रामलला का भव्य मंदिर सिर्फ एक मंदिर नहीं है बल्कि ये एक सपना है। इसे पूरा करने के लिए कार सेवकों ने कुर्बानी दी हैं। अब ऐसे हजारों लोगों को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने अयोध्या से आमंत्रण भेजे गए हैं, इनमें बैतूल जिले में रहने वाले भोजपाली बाबा भी शामिल हैं। उन्होंने 1992 में महज 21 साल की उम्र में संकल्प लिया था कि जब तक रामलला का मंदिर नहीं बनेगा वो अविवाहित रहेंगे। आज भोजपाली बाबा 52 साल के हैं और अपने रामलला की प्राण प्रतिष्ठा देखने अयोध्या जाने की तैयारी कर रहे हैं। 52 वर्षीय भोजपाली बाबा बैतूल के मिलानपुर गाँव के भैरवनाथ मंदिर में पुजारी हैं। इन दिनों भोजपाली बाबा की आंखों में चमक और चेहरे पर अपने रामलला के दर्शन पाने का उत्साह साफ दिखाई देता है। उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा जब अयोध्या के राम मंदिर ट्रस्ट से उन्हें 22 जनवरी के दिन होने जा रहे रामलाल के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने का आमंत्रण मिला। भोजपाली बाबा का असली नाम रविन्द्र गुप्ता है जो मूल रूप से भोपाल के है। 14 साल की उम्र में भोजपाली बाबा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ गए थे। 1992 में महज 21 साल की उम्र में जब वो कारसेवा के लिए अयोध्या पहुंचे तो वहीं पर एक संकल्प लिया कि जब तक रामलला का भव्य मंदिर नहीं बनेगा तब तक वो अविवाहित रहेंगे। आज भोजपाली बाबा की उम्र 52 साल है और वो आजीवन ब्रम्हचर्य को अपना चुके हैं, लेकिन उन्हें इस बात की खुशी है कि उनका सपना पूरा होने जा रहा है।